सोमवार, 12 दिसंबर 2016
जब कुत्तों ने छिना मुल्ला का चैन
सुबह का समय था। डाॅक्टर ने अपना क्लिनिक खोला ही था कि अचानक Mulla Nasruddin वहां पहुंच गए। शक्ल से काफी थके हारे नजर आ रहे थे। डाॅक्टर ने पूछा, अरे मुल्लाजी क्या हुआ? बहुत ज्यादा परेशान नजर आ रहे हो। मुल्ला ने परेशानी बताते हुआ कहा- डाॅक्टर साहब इन दिनों गल्ली में कुत्तो की तादाद बहुत ज्यादा हो गई है। दिन-रात भौंकते रहते हैं, जिस कारण मैं चैन से सो नहीं पा रहा हूं। आप ही कोई उपाय बताएं।
डाॅक्टर ने सारी बातें सुनने के बाद मुल्ला से कहा, आप घबराइए नहीं। मैं आपको नींद की गोलियां देता हूं ये लेने के बाद आप चैन की नींद सो पाएंगे। मुल्ला ने गोलियां ली और वहां से चले गए। कुछ दिनों बाद मुल्ला फिर से डाॅक्टर के क्लिनिक पर पहुंचे। इस बार वे पहले से भी ज्यादा थके-हारे और परेशान नजर आ रहे थे। आते ही डाॅक्टर ने पूछा, मुल्ला जी दवाइयों से राहत मिली क्या? मुल्ला नसरूदीन ने नाराजगी के साथ कहा- डाॅक्टर साहब आपकी दवाइयों से तो मैं और ज्यादा थक गया हूं।
डाॅक्टर साहब अचंभे के साथ, मुल्लाजी मैने तो आपको सबसे अच्छी दवाई दी कि फिर भी आपकी समस्या समाप्त नहीं हुई। चलिए कोई बात नहीं, मै इस बार आपको और भी ज्यादा बढ़िया दवाई दे देता हूं। इस पर मुल्ला नसरूदीन ने कहा, क्या आपको लगता है ये गोलियां असर कर पाएगी। क्योंकि मैं सारी रात गल्ली के कुत्तो को पकड़ने के लिए इधर-उधर भागता रहता हूं। इतनी भागा-दौड़ी करने के बाद अगर एक-आधे कुत्ते को पकड़ भी लेता हूं तो उसके मुंह में ये गोली डालना बहुत ही मुश्किल हो जाता है।

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