रविवार, 18 दिसंबर 2016
सूर्य का रंग कैसा होता है
1.सूर्य का रंग कभी नहीं बदलता, वह हमेशा सफ़ेद रंग का ही होता है।
2.जब अंतरिक्ष-यात्रियों ने पृथ्वी से बाहर जाकर देखा तो उन्हें सूर्य अपने असली रंग यानि सफ़ेद रंग का दिखाई दिया।
3.दोपहर के समय सूरज पीले रंग का दिखाई देता है। अगर आप इस समय की तस्वीर खींचे तो तस्वीर में आपको सूर्य के आसपास पीली रौशनी दिखाई देगी लेकिन सूर्य सफ़ेद रंग का ही दिखायी देगा।
4.दिन के समय अगर आप हवाई यात्रा करें तो हवाई जहाज़ से आपको सूर्य का पीलापन कम (लगभग सफ़ेद) नज़र आएगा। (सावधान: दिन के समय बिना किसी खास उपकरण के सूर्य को न देखें, उसकी किरणें आपकी आँखों के लिए घातक हो सकती हैं।)
5.इसी तरह किसी बहुत ऊँचे पर्वत से भी सूर्य का पीलापन कम नज़र आता है।

तथ्य:
1. आपने सुना होगा सूर्य 7 रंगों (बैंगनी, आसमानी, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल/VIBGYOR) का बना है। यह भी सत्य है क्योंकि सफ़ेद रंग दरअसल सभी रंगों का मिश्रण होता है। ये सातों रंग प्राथमिक और द्वितीयक रंग हैं। दुनिया के सभी रंग इन्हीं रंगों से बनते हैं।
2. पृथ्वी का वायुमंडल सूर्य के प्रकाश के लिए फ़िल्टर का काम करता है। सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सूर्य नीचे होता है और इस स्तर पर वायु सघन (अधिक) होती है। लाल रंग की तरंगदैधर्य (Wavelength) सबसे अधिक होती है इसलिए सिर्फ लाल रंग ही वायुमंडल को पार कर पाती है। इसी वजह से सुबह या शाम के समय सूर्य लाल रंग का दिखाई देता है।

3. कभी-कभी जब प्रदूषण कम होता है या सूर्य की किरणें किसी समुद्र से टकराती हैं तो हमें सूर्य नारंगी (Orange) रंग का दिखाई देता है। क्योंकि लाल के बाद नारंगी रंग की तरंगदैधर्य सबसे अधिक होती है।
लाल और नारंगी रंग के बाद सबसे अधिक तरंगदैधर्य पीले रंग (Yellow) की होती है। इसलिए दोपहर के समय जब सूर्य सबसे ऊँचाई पर होता है तो उस स्तर (Level) पर हवा बहुत कम होती है जिससे पीला रंग भी वायुमंडल को पार कर पाता है। इसीलिए दोपहर के समय सूरज पीले रंग का दिखाई देता है।
4. सूर्य की किरणें जब वायुमंडल के कणों से टकराती है तो नीले रंग (Indigo) के सबसे कम तरंगदैधर्य होने के कारण नीला रंग हर तरफ बिखर जाता है। इसी वजह से हमें आकाश नीले रंग का दिखाई देता है।

5. सूर्य भी एक तारा (Star) है जिसका तापमान 5,600 डिग्री सेल्शियस है। यदि सूर्य का तापमान किसी ठंडे तारे की तरह 2,500 डिग्री सेल्शियस से कम होता तो इसका वास्तविक रंग 'लाल' होता। इसी तरह अगर सूर्य का तापमान किसी गर्म तारे (जैसे-रिजेल तारा) की तरह 15,000 डिग्री सेल्शियस से अधिक होता तो इसका वास्तविक रंग 'नीला' होता। लेकिन इन दोनों के बीच में होने की वजह से यह सफ़ेद रंग का है।
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