गुरुवार, 20 फ़रवरी 2014
सुएज केनाल 19वीँ सदी का महानतम निर्माण
इजिप्त के भूमी पर इंसान द्वारा बनाया गया सुएज नहेर भुमध्य सागर और आरव सागर को एक दुसरे से जोडता हे । दश वर्ष तक चला ये वांधकाम 1869 17 नवेम्वर को पुरा हुआ था । वैश्विक व्यापार को व्यापक बनाने के लिये सुएज केनाल मील का पथ्थर साबित हुआ । 1869 से पहले एसिआ से युरोप आनेजाने के लिये पुरा आफ्रिका महादेश का चक्कर लगाना पड़ता था जिससे समय और इंधन कि खप्पत ज्यादा होता था । सुएज केनाल के बनजाने से सफर 40% कम हुआ जिससे व्यापार मेँ वृद्धि हुई । सुएज केनाल बनाने का विचार तो नेपोलियन को भी आया था परंतु इसका अमल होते होते 1854 का समय आ गया । फ्रेँच शासकोँ नेँ केनाल बनाने मेँ रस लिया इजिप्त को केनाल के लिये मनाया एवं वांधकार्य शुरु किया । उत्तर मेँ पोर्ट सईद से दक्षिण मेँ पोर्ट त्वाकिफ तक 164 किलोमिटर लम्बा केनाल बनाने के लिये सुएज केनाल कंपनी कि स्थापना हुआ था एवं अप्रिल 1859 मेँ केनाल कि खुदाई शुरु हुई थी । यह बात 150 साल पुरानी हे उस समय केनाल के बनने मेँ काफी विघ्न आया था । एक अड़चन था कलेरा या हैजा महामारी कि । यह विस्तार काफि पिछड़ा हुआ था जिससे कारिगरोँ के स्वास्थ पर इसका सिधा असर होता था । दुसरा विघ्न था मिट्टी उत्तखनन की । तिसरा विघ्न था मजदुर और मालिकोँ के बीच बादविवाद । ये सब होते होते केनाल चार वर्ष विलंब से 1869 मेँ पुरी हुई । 30 हजार मजदुर और 10 करोड़ डॉलार के खर्चे पर केनाल का कार्य पुरा हुआ था । शुरवात के 99 साल केनाल कंपनी के हात मेँ था । बाद मेँ इसे इज्जिप्त सरकार के सुपुर्त किया गया । उस वक्त फ्रान्स और व्रिटेन नेँ केनाल पर कब्जा करने कि कोशिश कि थी । इजरायल ने 1967 मेँ सिक्स् डे वॉर शुरु करदिया जिससे इजिप्त को यह केनाल बंद करना पड़ा था । आज विश्वभर मेँ जलरहे कुल विदेश व्यापर का आठ टका जहाज सुएज केनाल का लाभ लेती हे । विश्व इंजिनियरिँग मेँ सुएज केनाल का नाम सदा गौरवमय रहेगा ।
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