पृथ्वी कि उत्तर ध्रुव या दक्षिण ध्रुव मेँ पहंचना आजकल आसान हो गया हे परंतु आज से 100 150 साल पहले यह इतना आसान न था । 20वीँ सदी के शुरुवात मेँ साहसी व्यक्तिओँ नेँ उत्तरध्रुव तक पहंचने के लिये एक रेस चलाया था । 6 एप्रिल 1909 मेँ अमरिकन कमांड़र रोवर्ट पियरी नेँ इस रेस मेँ विजेता साबित थे । बर्फिला उत्तर ध्रुव का वातावरण असल मेँ कैसा है ? वहाँ कैसी विषमताऐँ और का दिक्कतेँ हे ? जीवजगत कैसा हे ? आदि सारे विश्व के लिये अनजाना थी । पियरी नेँ सफलता से पहले 23 सालोँ मेँ आठ प्रयाश किया था और अंत मेँ उन्हे जीत नशीव हुई । उत्तर ध्रुव तक पहचंने के चक्कर मेँ तबतक 300 से ज्यादा साहासी व्यक्तिओँ नेँ अपनी जान गवाँ चुके थे । पियरी से पहले अन्य एक अमेरिकन साहसी डॉक्टर फ्रेडरिक कुक नेँ उत्तर ध्रुव के लिये निकले थे और एक आद सालवाद उनके लाश मिला था । इस आधार पर कुछ लोग दावा करते हे कि शायद कुक हि प्रथम सफल व्यक्ति थे और लौटते वक्त उनकी मौत हो गयी थी । हालाकि यह मत मान्य नहीँ हे यह वात अलग है । रोवर्ट पियरी नेँ 1908 6 जुलाई मेँ अपने 23 साथीदारोँ के साथ उत्तरध्रुव कि और कुच किया था और 1909 मार्च तक वो उत्तर ध्रुव मेँ पहचंगये थे केंद्र तक पहचंते पहचंते पियरी के सिर्फ 6 साथीदार हि वचपाये थे । विकट परिस्तीतिओँ मेँ कईओँ को अपनी जान गवानी पड़ी । 6 एप्रिल 1909 मेँ आखरीकार रोवर्ट पियरी नर्थ पोल पर पहचंगये और उन्होनेँ अमरिकी झंडा गाड दिया । अमेरिका लौटने पर पियरी नेँ कुछसाल नौकादल मेँ कैप्टन और वाद मेँ रियर अडमिरल का औदा सम्भाला । अंत मेँ पियरी नेँ 1920 मेँ दुनिया को अलविदा कहदिआ । हालाँकि आज भी यह विवाद लगा हुआ हे कि उत्तरध्रुव मेँ पहचंनेवाले पहले पहले व्यक्ति कौन थे । 1909 मेँ पियरी कि साहसयात्रा को नेशनल जियोग्राफिक सोसायटी नेँ स्पोन्सर किया था और इसी सोसायटी नेँ ही 1989 मेँ पियरी सच्चे थे या नहीँ जनने के लिये जाँचदल बनाया था और अंत मेँ इस दल नेँ भी पियरी को सच्चा साबित कर दिया था । आज भले पियरी नहीँ हे परंतु इतिहास मेँ उनका नाम हमेशा हमेशा के लिये अमर हो चुका हे...
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