गुरुवार, 20 फ़रवरी 2014
कम्युटर और भायरस
कोर्नेल युनिवर्सिटी के 23 वर्ष के एक छात्र ने एक कम्प्युटर कोड़ त्यैयार किया और यह कोड़ कितने स्पिड़ से प्रसार करता हे जानने के लिये इंटरनेट पर अपलोड किया था । उस वक्त इंटरनेट सिस्टम के साथ कनेक्टेड 10 टका कंप्युटर मेँ यह प्रवेश करगया । यह वात 1988 साल कि है कोड़ तैयार करनेवाले युवक का नाम था रोवर्ट तपन मोरिस । उस के नाम पर कोड़ का नाम रखा गया था "Morris Worm" ! इस कोड़ के वजह से 6000 से ज्यादा युनिक्स सर्वर खराब हो गया था और इस Morris worm के वजह से कम्युटर जगत को एक लाख से दश लाख डॉलर आर्थिक क्षति सहन करना पड़ा था । 25 साल वाद आज सायवर हमला और सायवर भ्रष्टाचार चरम पर हे । एक समय था जब सायवर आटक सिर्फ परेशानी पैदा करने के लिये किया जाता था लेकिन आजकल तो यह क्षेत्र पैसा बाननेवाली मशीन बनगया हे । 2010 मेँ stuxnet के नाम से एक virus नेँ काफी नुकशान पहचंया था ।इरान के न्युक्लियर कम्युटरोँ पर stuxnet नेँ हमला किया था जिससे 6 महिनोँ तक इरान को परेशान रखा था । सायवर आटक विविध टेक्नोलोजी को माध्यम बनाकर किया जाता हे । इसके लिये स्पामिंग, फिशिंग मालवेर, वायरस,वोर्म , ट्रोजनहर्स आदी कोड़ का इस्तेमाल होता हे । इन भायरस से सिस्टम मेँ खामी आ जाता हे और सर्वर खराब हो जाता हे । 2012 मेँ सायवर हमलोँ से कम्प्युटर जगत को 60 अरव डॉलर का नुकशान सहना पड़ा था । मोरिस नेँ तो मजाक मजाक मेँ भायरस छोड़दिया था लेकिन उसके द्वार बनाया गया कोड़ से प्रेरित होकर आज ह्याकर कम्युटर जगत को काफि नुकशान पहचाँ रहे हे ।
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