शुक्रवार, 21 मार्च 2014

इंटरनेट का जन्मस्थान

29 Oct. 1969 मेँ इंटरनेट का जन्म हुआ था । इस दिन जिस जगह से मात्र 2 शब्दोँ वाला प्रथम इंटरनेट मेसेज भेजा गया वहाँ आजकल एक इंटरनेट लेवोरेटरी चल रहा हे । दो शब्दोँवाला मेसेज भेजने के वाद इंटरनेट ठप हो गया था । केलिफोर्निया युनिवर्सिटी के रुम नं. 3420 मेँ स्टाक नेँ 45 वर्ष पहले लोस एंजलस मेँ स्थित स्टेनफोर्ड युनिवर्सिटी स्टाफ के साथ कम्युनिकेशन किया था । इसमेँ SDS - Sigma 2 कम्प्युटर का इस्तेमाल किया गया था । रेफ्रीजरेटर आकार के मशीन नेँ प्रथम मेसेज स्टोर करके भेजा था । इस मशीन को इंटरनेट का जन्मस्थल कहेँ तो शायद ठिक रहेगा क्युँ कि इंटरनेट नेँ पहला श्वास यहाँ लिया था .। इंटरनेट कि आइडिया उन दिनोँ के कोम्प्युटर सायन्टीस्ट लीओनोर्ड क्लीनरॉक के मगज से आया था । जो प्रथम मेसेज ‘log in ’ था लेकिन 'न्द और ‘O’ भेजने के बाद सिस्टम ठप्प हो गया और एक घंटे बाद कोम्प्युटर फिर से चालु हो गया था । इसके बाद दोनोँ सेँटरोँ के बीच कायमी लिँक बनाया गया जिसे हम लोग आजकल इंटरफेस मेसेज कहते हे और डिसेम्बर 1969 तक ऐसे चार लिँक बनाया गया था ।

शुक्रवार, 7 मार्च 2014

Hi5 से Instagraam तक

सोश्यल नेटवर्कीगँ 2003 मेँ शुरु हुआ । 34 वर्षीय रामु चेलामन्ची एवं 31 वर्षीय अक्स गर्ग नेँ 2003 मेँ ' hi5 ' बनाया था . दोनोँ नेँ कम्प्यटर सायन्स ग्रेज्युएट किया था भारतीय अमेरिकन थे । hi5 के वारे मेँ भारतीयोँ को ज्यादा पता न था परंतु 2004 मेँ Orkut के आ जानेँ से लोगोँ का सोश्यल नेटवर्कीगं तरफ ध्यान आकर्षित हुआ ।Orkut द्वारा मिलेँ मित्रोँ का प्रथम विवाह देहरादुन मेँ हुआ था , परंतु फेसबुक के आ जानेँ से Orkut का इस्तेमाल कम होता गया । जाहिर हे फेसबुक नेँ orkut को हरा दिया था ।सोश्यल नेटवर्कीगं साईटस का क्रेज फेसबुक के कारण बढा, फेसबुक के वजह से कागज कलम युग खत्म हो गया हे, जो लोग टाइपराइटर पर कविता लिखते थे वो अब सीधे फेसबुक के वोल पर लिखने लगे हे । फेसबुक आज भारत मेँ इतना फैमस् हो गया है कि लोग इंटरनेट को फेसबुक कहने लगे हे । फेसबुक 2004 मेँ शुरु हुआ था , इसका साइट डिजाईन भारतीय अमेरिकन नरेंद्र कार्तिक ने किया था जिसे उनके सहपाठी जुकरबर्ग नेँ बीना बताये चोरी कर लिया था । बाद मेँ केस हुआ और जुकरबर्ग केस हार गये और उन्हे जुर्माना भरना पड़ा । अबतक फेसबुक मेँ केवल भारत मेँ हि 93 मीलीयन(1 मीलीयन =10 लाख ) युजर हे .2006 मेँ ट्वीटर आया, ट्वीटर 140 शब्दोँ कि ये महामाया हे. लोगोँ को अपने बिचार 14
शब्दोँ मेँ कहना पडता हे । सेलिव्रीटी और राजनितीज्ञो मेँ ट्वीटर फैमस हे । मारत मेँ 123 मीलीयन इंटरनेट युजर मेँ से 6.7 % के पास ट्वीटर अकाउंट हे । इसी तरह कई और सोश्याल नेटवर्किगं साईट्स भी हे जैसे tagtag, linkedin,google+,bharatstudent, fropper,ibibo ,myspace आदि । Linkedin मेँ ज्यादातर ब्यापार से संबद्ध रखनेवाले लोग जुडते हे जबकि Google+ के लिए गुगल अकाउंट कि जरुरत होति हे । दोस्तो के साथ Online गेम खेलना हे या कुछ जानकारी हासिल करना हे तो Bharatstudent से बहतर कोइ नहीँ । Whatsapp के बिक जाने के बाद अब लोगोँ को एक नया सोशियाल नेटवर्क कि तलाश हे जिसमेँ नया फिचर्स हो । बैसे देखा जाय तो इन्सटाग्राम का जमाना आनेवाला हे । सोश्यल नेटवर्कीगं कि ये हेन्ड रीटर्न लेटर्स ट इट्साग्राम तक का सफर था । इन दश साल मेँ बहुत कुछ बदला हे और आगे बदलनेवाला है ।